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प्रेस विज्ञप्ति3/11/2024

आरजेएस पीबीएच द्वारा दैनिक साईं मीडिया के सहयोग से बायोस्फीयर रिजर्व दिवस मनाया गया ।

आरजेएशिएन्स द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए बलिदान माता अमृता देवी विश्नोई को श्रद्धांजलि दी गई 
नई दिल्ली। प्रकृति,पर्यावरण जैव-विविधता और जल-जंगल-जमीन और पहाड़ के संरक्षण के लिए 
यूनेस्को द्वारा घोषित तीन नवंबर 2024 को अंतर्राष्ट्रीय बायोस्फीयर रिजर्व दिवस मनाया गया।
कार्यक्रम में पर्यावरणविदों ने बताया कि बायोस्फियर रिज़र्व सतत विकास के प्रेरक स्थान होते हैं । इसके अंतर्गत स्थलीय ,समुद्रीय और तटीय पारिस्थितिकी तंत्र और जैव विविधता के संरक्षण को भी शामिल किया जाता है ।राम-जानकी संस्थान पाॅजिटिव ब्राॅडकास्टिंग हाउस (आरजेएस पीबीएच) के संस्थापक व राष्ट्रीय संयोजक उदय कुमार मन्ना 
के संयोजन और संचालन में दैनिक साईं मीडिया के सहयोग से अंतर्राष्ट्रीय बायोस्फीयर रिजर्व दिवस तीन नवंबर 2024 को मनाया गया। सह-आयोजक साईं मीडिया के संस्थापक व संपादक पीतम सिंह ने मुख्य अतिथि आहर पाइन बचाओ अभियान के संयोजक मुनीश्वर प्रसाद सिन्हा और अतिथि वक्ता दिल्ली विश्वविद्यालय के फिल्ड बायोलॉजिस्ट दिबानिक मुखर्जी और हरमीक सिंह का स्वागत करते हुए कहा कि इस दिवस की स्थापना बायोस्फीयर रिजर्व की भूमिका को बढ़ावा देने,सतत विकास और इन क्षेत्रों में और इसके आसपास रहने वाले समुदायों की भलाई के लिए की गई थी।
पर्यावरण संरक्षण के लिए 12 सितंबर 1730 में खेजड़ली गांव की माता अमृता देवी विश्नोई को पर्यावरणविद् आरके विश्नोई ने आरजेएस पीबीएच परिवार की ओर से श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि विश्नोई समाज पशुओं, जीव-जंतुओं और पेड़ों की रक्षा करने के लिए जाम्भोजी महाराज के नियमों का पालन करते हैं।
श्री मुनीश्वर प्रसाद सिन्हा ने कहा कि गोवर्धन, पूजा, दावात पूजा, सरस्वती पूजा और महापर्व छठ पूजा आदि सभी प्रकृति पूजा और संरक्षण से जुड़े पर्व- त्यौहार हैं। बीते जमाने का ढोलहा पीटना जल चौपाल की याद दिलाता है, जिसमें चर्चा होती थी कि जलस्रोतों को कैसे बचाना है। उन्होंने आहर पाइन बचाओ अभियान और श्रमदान प्रथा से युवाओं को जोड़कर पर्यावरण संरक्षण का प्रयोग और प्रयास किया।
श्री दिबानिक मुखर्जी ने कहा कि बायोस्फीयर रिजर्व,जैव विविधता हॉटस्पॉट की रक्षा करने और संधारणीय संसाधन उपयोग को बढ़ावा देने के लिए नामित क्षेत्र हैं। 
विभिन्न पारिस्थितिकी प्रणालियों का अनुभव करने और आर्द्रभूमि, रेंजलैंड और विविध प्रजातियों को आकर्षित करने के माध्यम से जैव विविधता के प्रबंधन के बारे में जानने के लिए बायोस्फीयर रिजर्व का दौरा करने का प्रस्ताव दिया है, जो अनिवार्य रूप से यमुना नदी के किनारे एक मिनी बायोस्फीयर रिजर्व बना रहा है।
श्री हरमीक सिंह जैव विविधता की अवधारणा को समझाते हैं, जिसमें मनुष्यों के बीच आनुवंशिक विविधता और पौधों और जानवरों में परिवर्तनशीलता शामिल है। वह पूरी आबादी पर बीमारियों या संक्रमण के प्रभाव को रोकने के लिए जैव विविधता को बनाए रखने के महत्व पर प्रकाश डालते हैं। उदय मन्ना ने जैव विविधता पार्कों पर चर्चा को केंद्रित करने और आरजेएस जैसे सकारात्मक मीडिया को शामिल करने का सुझाव दिया।
बैठक में बायोस्फीयर रिजर्व की अवधारणा, स्वदेशी ज्ञान और संस्कृति को संरक्षित करने के महत्व, तथा कार्बन उत्सर्जन को कम करने और वनों की रक्षा के लिए जन जागरूकता और व्यक्तिगत प्रयासों की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित किया गया। चर्चा में जैव विविधता को बनाए रखने, संरक्षण प्रयासों और क्षेत्र में सतत विकास के महत्व को भी शामिल किया गया, साथ ही पर्यावरण जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रव्यापी नेटवर्क बनाने की योजना भी शामिल की गई। आकांक्षा 
हेड‌ क्रिएटिव टीम 
आरजेएस पीबीएच 
8368626368

 

















प्रेस विज्ञप्ति29/10/2024

 एकता दिवस व दीप पर्व के आरंभ पर आईएएस गांव में आरजेएस पीबीएच का 277 वां सेमिनार आयोजित हुआ।

उच्च परीक्षा पर आईएएस गांव में आयोजित सेमिनार में आरजेएस पीबीएच के न्यूज लेटर का विमोचन और सर्टिफिकेट वितरण हुआ।

नई दिल्ली - राष्ट्रीय एकता दिवस और दीप पर्व के प्रारंभ पर स्वास्थ्य के देवता भगवान धन्वंतरि जयंती पर युवा सशक्तिकरण और सकारात्मक शिक्षा के महत्व पर केंद्रित एक व्यापक कार्यक्रम का आयोजन आईएएस गांव मुख्यालय ,ओल्ड राजेन्द्र नगर , नई दिल्ली के सहयोग से राम जानकी संस्थान पॉजिटिव ब्रॉडकास्टिंग हाउस (आरजेएस पीबीएच) द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत के शैक्षिक परिदृश्य को मजबूत करने और युवाओं को भविष्य की चुनौतियों और अवसरों के लिए तैयार करना था, खासकर देश के 2047 के विकास लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि राष्ट्र भाषा समिति, भारत सरकार के सदस्य डा. हरिसिंह पाल , विशिष्ट अतिथि लेखक व प्रोफेसर डा.विजय वर्मा, पूर्व सिविल सर्वेंट (आईआरएस)मुख्य वक्ता जितेन्द्र सिंह, कार्यक्रम संचालक और हेड आइएएस गांव अंजलि बसेर और आयोजक उदय कुमार मन्ना आदि ने आरजेएस पीबीएच के अतिथि संपादक राजेंद्र सिंह कुशवाहा की उपस्थिति में बाईस पेज का न्यूज लेटर अक्टूबर अंक का लोकार्पण किया । साईं मीडिया के संपादक पीतम सिंह और एडवोकेट सुदीप साहू को आरजेएस पीबीएच का सर्टिफिकेट ऑफ एप्रिसिएशन प्रदान किया गया और उनके उज्जवल भविष्य की कल्पना की गई।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए अंजलि बसेर हेड आईएएस गांव ने कहा कि नई शिक्षा नीति विद्यार्थियों को प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी के लिए गाइडलाइन है उन्होंने कहा कि जी कैट एसएससी या यूपीएससी का कोई भी परीक्षा ददें , इंग्लिश मैथ और जीके पूछा ही जाएगा।
"उच्च परीक्षाओं और जीवन में अपनी भूमिका के लिए खुद को कैसे सक्षम बनाएं" विषय पर केंद्रित इस कार्यक्रम में छात्रों, शिक्षकों और प्रशासनिक अधिकारियों सहित विविध पृष्ठभूमि के लोग शामिल हुए। कार्यक्रम में वक्ताओं ने अपनी विशेषज्ञता और अनुभव साझा करते हुए भारत में शिक्षा की वर्तमान स्थिति और भविष्य की दिशा पर विस्तृत चर्चा की।

सिविल सेवा के उम्मीदवारों का सशक्तिकरण विषय पर आईएएस गांव मुख्यालय के प्रबंध निदेशक श्री जितेन्द्र.के.पी. सिंह ने सिविल सेवा की तैयारी कर रहे छात्रों की विशेष आवश्यकताओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने मार्गदर्शन कार्यक्रम, रणनीतिक सहायता, और आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने के लिए आईएएस गांव की प्रतिबद्धता दोहराई। श्री सिंह ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में मौजूद चुनौतियों, जैसे आर्थिक बाधाएं, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुँच का अभाव, और सोशल मीडिया का व्यापक प्रभाव, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों के लिए, को स्वीकार किया। उन्होंने इन अंतरालों को पाटने और सभी के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए नए समाधानों की आवश्यकता पर बल दिया।

सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन का एक दशक: आरजेएस पीबीएच न्यूज लेटर के अतिथि संपादक श्री राजेंद्र कुशवाहा ने शिक्षा और मीडिया के माध्यम से सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन को बढ़ावा देने के लिए संगठन के एक दशक लंबे प्रयासों पर प्रकाश डाला। उन्होंने आरजेएस पीबीएच के प्रकाशनों, मासिक न्यूज़लेटर और द्विवार्षिक ग्रंथ, जिसमें संगठन की गतिविधियों और प्रभाव का दस्तावेजीकरण किया गया है, को प्रदर्शित किया। उन्होंने बताया कि ये प्रकाशन सकारात्मक मूल्यों को बढ़ावा देने और कार्रवाई को प्रेरित करने के लिए आरजेएस पीबीएच के निरंतर प्रयासों का प्रमाण हैं।

वैश्वीकृत दुनिया के लिए समग्र शिक्षा: आरजेएस पीबीएच के संस्थापक श्री उदय कुमार मन्ना ने समग्र शिक्षा के अपने दर्शन को स्पष्ट किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शिक्षा केवल ज्ञान प्राप्त करने तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि इसमें मूल्यों, नैतिक जिम्मेदारी और वैश्विक दृष्टिकोण का विकास भी शामिल होना चाहिए। उन्होंने इस दृष्टिकोण को भारत के प्राचीन दार्शनिक सिद्धांत "वसुधैव कुटुम्बकम" ( दुनिया एक परिवार है) से जोड़ा, सभी प्राणियों की परस्पर संबद्धता और सार्वभौमिक कल्याण को बढ़ावा देने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने 
दीप पर्व पर धनतेरस को भगवान धन्वंतरि जयंती को  बर्तन  की खरीददारी के साथ स्वास्थ्य से भी जोड़ा।
उन्होंने विद्यार्थियों से सरदार पटेल के राष्ट्रीय एकता सूत्र और मूल मंत्र को आत्मसात करने के लिए कहा। आईएएस गांव मुख्यालय को आरजेएस पीबीएच के आगामी गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में  प्रवासी और अंतरदेशीय आरजेएशिएन्स सम्मेलन में आमंत्रित किया।

मानसिकता की शक्ति: कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर विजय वर्मा ने मानसिकता की परिवर्तनकारी शक्ति पर एक प्रभावशाली भाषण दिया। शिक्षण और छात्रों के मार्गदर्शन में अपने व्यापक अनुभव के आधार पर, प्रोफेसर वर्मा ने बाधाओं पर काबू पाने और अपनी पूरी क्षमता हासिल करने में आंतरिक प्रेरणा और दृढ़ संकल्प की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने सकारात्मक और दृढ़ मानसिकता की शक्ति को दर्शाने के लिए विकलांग पर्वतारोही अरुणिमा सिन्हा जैसी प्रेरक उदाहरणों का उल्लेख किया।

भाषा, साक्षरता, और राष्ट्रीय एकता: संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार की हिंदी सलाहकार समिति के सदस्य डॉ. हरि सिंह पाल ने अपनी प्रेरणादायक व्यक्तिगत यात्रा को साझा किया, जिसमें उन्होंने एक छोटे से गाँव से लेकर शिक्षा और सरकारी सेवा में एक विशिष्ट करियर तक के अपने सफर का वर्णन किया। उन्होंने आकाशवाणी और देवनागरी लिपि को बढ़ावा देने में अपनी वर्तमान भूमिका के अनुभव के आधार पर भाषा, साक्षरता और राष्ट्रीय एकता की परस्पर संबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने छात्रों को सीखने के लिए एक बहु-विषयक दृष्टिकोण अपनाने, विभिन्न विषयों की खोज करने और दुनिया के बारे में अपनी समझ को व्यापक बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के मीडिया से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया।

चुनौतियों का सामना, शिक्षकों का सशक्तिकरण: कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा एक प्रश्नोत्तर सत्र के लिए समर्पित था, जिसमें उपस्थित लोगों को वक्ताओं के साथ सीधे संवाद करने का अवसर मिला। प्रश्नों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुँच में सुधार, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में, और छात्रों के बीच मोबाइल फ़ोन की लत जैसी चुनौतियों का समाधान करने जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया. प्रोफेसर वर्मा ने युवा दिमागों को आकार देने और सकारात्मक शिक्षण वातावरण बनाने में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर बहुमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान की. उन्होंने छात्रों के विकास पर शिक्षक के शब्दों और कार्यों के स्थायी प्रभाव पर जोर दिया और शिक्षकों को अपने गहरे प्रभाव को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया.

भविष्य की योजनाएं: कार्यक्रम का समापन आरजेएस पीबीएच की आगामी पहलों की घोषणा के साथ हुआ, जिसमें सार्वभौमिक भाईचारे को बढ़ावा देने और संगठन के चल रहे कार्यों का दस्तावेजीकरण करने वाले नए प्रकाशनों को जारी करने पर केंद्रित कार्यक्रम शामिल हैं. आयोजकों ने शिक्षा के माध्यम से सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन को बढ़ावा देने और एक उज्जवल भविष्य के निर्माण के लिए भारत के युवाओं को सशक्त बनाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई. दिवाली की शुभकामनाओं के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ, जो चर्चाओं में व्याप्त सकारात्मकता और आशा की भावना को रेखांकित करता है.

हेड क्रिएटिव टीम 
आरजेएस पीबीएच 
8368626368

 









प्रेस विज्ञप्ति 27/10/2024

आरजेएस पीबीएच ने "बच्चों के खिलौने कितने सुरक्षित"?पर कार्यक्रम किया 

भगवान धन्वंतरि व स्वतंत्रता सेनानी कमलादेवी चट्टोपाध्याय को आरजेसियंस ने दी श्रद्धांजलि 

प्रवासी आरजेएशिएन्स सम्मेलन 15 व 19 जनवरी 2025 को दिल्ली में आयोजित होगा।

नई दिल्ली। बच्चों के लिए सुरक्षित खिलौनों की चिंता करते हुए राम-जानकी संस्थान पाॅजिटिव ब्राॅडकास्टिंग हाउस स्टूडियोज,नई दिल्ली द्वारा  कंज्यूमर ऑनलाइन फाउंडेशन के सहयोग से अमृत काल का सकारात्मक भारत-उदय का दो सौ छिहतरवां कार्यक्रम  उदय कुमार मन्ना संस्थापक  के संयोजन में आयोजित किया गया । वेबिनार में देश-विदेश से रिकॉर्ड उपस्थिति रही। श्री मन्ना ने 
आयुर्वेद के देवता भगवान धन्वंतरि व स्वतंत्रता सेनानी कमलादेवी चट्टोपाध्याय को  श्रद्धांजलि दी। उन्होंने आगामी 29 अक्टूबर को आईएएस गांव मुख्यालय,दिल्ली में शैक्षणिक सेमिनार आयोजित करने की जानकारी दी । साथ ही कहा कि अगले साल 15 और 19 जनवरी 2025 को प्रवासी आरजेएशिएन्स सम्मेलन का आयोजन दिल्ली में किया जाएगा।
सह-आयोजक प्रफुल्ल डी शेठ , वाइस चेयरमैन पीएसएआईआईएफ ने 
  खिलौनों के मुद्दे को बेहद संजीदगी से उठाया। उन्होंने कहा, "हम अपने बच्चों के लिए खिलौनों को कैसे सुरक्षित बना सकते हैं?" 
  द अवेयर कंज्यूमर के इस टाॅपिक को आरजेएस पीबीएच वेबिनार की परिचर्चा के माध्यम से आगे बढ़ाया जा रहा है
और  लगता है कि यह एक चिंगारी होगी। ये आरजेएस पाॅजिटिव मीडिया के यूट्यूब पर लाईव  प्रसारित किया गया। 
अध्यक्षता कर रहे इंटरनेशनल कंज्यूमर पाॅलिसी के विशेषज्ञ और कंज्यूमर ऑनलाइन फाउंडेशन के संस्थापक प्रो.बिजाॅन कुमार मिश्रा ने 
 सुरक्षा से संबंधित कई मुद्दों पर चर्चा की और संजीदगी से कार्यक्रम का संचालन किया। उन्होंने कहा कि खिलौनों की सुरक्षा की जागरूकता उपभोक्ताओं तक भी पहुंचना चाहिए । कार्यक्रम में मुख्य वक्ता भारत सरकार के ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआईएस) में सहायक निदेशक वैज्ञानिक बी - रसुजीत चोंगर ने पीपीटी प्रेजेंटेशन और मुख्य अतिथि एमएसएमई मंत्रालय में  संयुक्त निदेशक डा. आरके भारती ने सुरक्षित खिलौने को लेकर प्रतिभागियों को जागरूक किया। भारत सरकार के दोनों अधिकारियों ने 
 खिलौनों के नुकीले किनारों, सामग्री के मानकों, हानिकारक रसायनों, नकली खिलौनों और सबसे महत्वपूर्ण रूप से इसके मनोवैज्ञानिक प्रभाव के बारे में बात की।  एक अच्छा सुझाव आया कि एक परीक्षण स्थापित किया जाए जो खिलौनों के मनोवैज्ञानिक प्रभाव के लिए भी पूर्व परीक्षण करेगा।
 हस्तनिर्मित खिलौनों, जैसे लकड़ी के खिलौनों के बारे में चर्चा की। जैसे कि एक समय में वे बहुत लोकप्रिय थे, और प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय योजना के तहत मेक इन इंडिया पहल के बारे में आह्वान किया था । यहां तक ​​कि उन्होंने एक ऐसे माहौल को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया जो इस खिलौना क्षेत्र के नवाचार और रचनात्मकता को पोषित करेगा।
खिलौनों की सुरक्षा मानकों के बारे में रसूजीत चोंगर  ने   सुंदर प्रस्तुति दी। सुरक्षा मानक और BIS से प्रमाणन, जिसमें उत्पाद डिजाइन, परीक्षण, उपयुक्तता और विभिन्न सुरक्षा जांच शामिल हैं, और सरकार इस बारे में क्या कर रही है, कौन से केंद्र स्थापित किए गए हैं, उनकी क्षमता क्या हैं, इत्यादि।
प्रश्नोत्तरी का कार्यक्रम भी बहुत ज्ञानवर्धक रहा।
एक सवाल अनियमित क्षेत्र के बारे में भी आया, जो मानकों से बचने वाले खिलौनों का प्रबंधन करता है। और हमने यह चिंता भी व्यक्त की क्योंकि, अगर हम वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं को देखें, तो वहां रिकॉल तंत्र उपभोक्ता तक पहुंचता है। अध्यक्षता कर रहे बिजाॅन कुमार मिश्रा ने भी इस बिंदु का उल्लेख किया, कि यह उपभोक्ता तक भी पहुंचना चाहिए। सभी पंचायत स्तरों के माध्यम से इसके बारे में जागरूकता पैदा की जानी चाहिए।
एमएएसई में संयुक्त निदेशक डा.आरके भारती ने कहा कि वे सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के क्षेत्र में उद्यमियों के विकास, उनकी कार्यशील पूंजी के आकलन और ऋण सीमा की मंजूरी दी जाती है।।  तो, यह एक महत्वपूर्ण बात हुई कि जहाँ उद्यमी, युवा, विशेष रूप से नए लोग, जो खिलौना निर्माण में उतरना चाहते हैं...
श्री रसूजीत एक जानकार अधिकारी के रूप में, बहुत अच्छी जानकारी दी। हालाँकि, यह भी ज़रूरी है... उन्हें अपने कार्यालय और अपने सहयोगियों को यह बताने की ज़रूरत है कि उपभोक्ता अधिक पारदर्शिता, जवाबदेही की अपेक्षा कर रहे हैं। इसलिए, उस क्षेत्र में कुछ करने की ज़रूरत है।
डॉ. रावत ने उपभोक्ताओं की ओर से परियोजनाएँ बढ़ाने का मुद्दा भी उठाया है, और रसूजीत जी ने भी उनके अनुरोध को स्वीकार कर लिया है।  बीआईएस जागरूकता बढ़ाने के लिए बीआईएस अनुमोदित खिलौनों को प्रदर्शित करने वाले खिलौना पुस्तकालयों की स्थापना पर विचार करेगा।

आकांक्षा 
हेड क्रिएटिव टीम 
आरजेएस पीबीएच 
8368626368

 









प्रेस विज्ञप्ति 26/10/2024


आरजेएस पीबीएच का प्रवासी भारतीय दिवस 15 व 19 जनवरी2025 को मनाया जाएगा 

नई दिल्ली। जनवरी 2025 के अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम हमारे लिए  सकारात्मक भारत-उदय वैश्विक आंदोलन को विश्व भर में पहुंचाने का एक अवसर है।
 आरजेएस पीबीएच संस्थापक व राष्ट्रीय संयोजक उदय मन्ना के संयोजन में 25 अक्टूबर को आरजेएस पीबीएच अंतर्राष्ट्रीय आयोजन समिति की बैठक हुई ।इसमें दिल्ली में आरजेएस - एनआरआई मीडिया कांफ्रेंस 15 जनवरी 2025 को आयोजित करने और प्रवासी भारतीयों को सम्मानित करने का निर्णय लिया गया। बैठक में प्रोफेसर बिजाॅन कुमार मिश्रा,डा.हरिसिंह पाल ,  प्रफुल्ल डी शेठ,राजेंद्र सिंह कुशवाहा, सुरजीत सिंह दीदेवार, स्वीटी पॉल , सुदीप साहू, इशहाक खान और पीतम सिंह आदि शामिल हुए और कांफ्रेंस आयोजित करने पर विचार विमर्श हुआ । आरजेएस पीबीएच राष्ट्रीय आयोजन समिति की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि भारत सरकार का प्रवासी भारतीय सम्मेलन 8 से 10 जनवरी 2025 तक ओडिशा के भुवनेश्वर में होगा वहीं 76वें गणतंत्र दिवस और 18वें प्रवासी भारतीय दिवस 2025 के मद्देनजर आरजेएस पीबीएच की राष्ट्रीय आयोजन समिति  RJS-NRI कांफ्रेंस और ग्रंथ 04 के लोकार्पण का कार्यक्रम रविवार जनवरी 19, 2025  को सुबह 11 बजे से नई दिल्ली में करेगी। इस कार्यक्रम में 200 लोगों के मध्य 200 पृष्ठों का‌ अमृत काल का सकारात्मक भारत-उदय ग्रंथ 04 का लोकार्पण होगा।इसमें सभी आरजेसियंस से सहयोग करने और अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने की अपील की गई।
सकारात्मक वर्ष 2024-25 में आरजेएस पीबीएच की ओर से नये नये प्रयोग और कार्य जारी हैं। राजेन्द्र सिंह कुशवाहा के सहयोग से महीने के अंतिम सप्ताह में नियमित न्यूज़ लेटर आपके हाथों में 29 अक्टूबर को आ जाएगा। चौधरी इंद्राज सिंह सैनी के सहयोग से  वेबसाइट www.rjspbh.com  की शुरुआत हो चुकी है।, नये को-ऑरगेनाइजर , उदय मन्नाज स्टूडियोज और पब्लिक एड्रेस सिस्टम, सर्टिफिकेट ऑफ अप्रिसिएशन आदि ये कुछ ऐसे बिन्दु हैं जो मैनिफेस्टो को लागू करने के प्रमाण हैं। ये आंदोलन 2047 तक निरंतर चलेगा ।
आप आरजेएस पीबीएच-आरजेएस पॉजिटिव मीडिया  परिवार का समर्थन कर सकते हैं, और उसका हिस्सा बन सकते हैं । 200 पृष्ठों की पुस्तक ग्रंथ04 के प्रकाशन की तैयारियां चल रही हैं।  ये मंच भारत और विश्व की भलाई चाहने वाले सभी लोगों के लिए खुला है ।
आरजेएस पीबीएच पॉजिटिव मीडिया परिवार आरजेसियंस लोगों के स्वैच्छिक समर्थन से ऊर्जा प्राप्त करते हुए, राष्ट्र प्रथम, भारत एक परिवार, विश्व एक घर की भावना से हमारे समाज में और अधिक सकारात्मकता पैदा करना चाहता है। आरजेएस पीबीएच दुनिया के अपने बहन और भाइयों और पृथ्वी के साथियों -जीव जंतुओं के साथ  राष्ट्रीय और वैश्विक सकारात्मक मीडिया संवाद आयोजित करने की इच्छा रखता है।

 आरजेएस पीबीएच, जिसका उद्देश्य समकालीन मानवता और बायोस्फीयर का सामना करने वाले जटिल सवालों पर सकारात्मक प्रकाश का एक वैकल्पिक सकारात्मक मीडिया बनना है। आप दुनिया में कहीं भी हों,  इस महान दृष्टिकोण को साकार करने में अपनी सकारात्मक भूमिका निभाने के लिए इसी क्षण से जुड़ें - वसुधैव कुटुम्बकम्

आकांक्षा 
हेड क्रिएटिव टीम आरजेएस पीबीएच 
8368626368


 
















प्रेस विज्ञप्ति 21/10/2024.

आरजेएस पीबीएच ने मुनि स्कूल के सहयोग से "ट्रॉमा और स्ट्रोक" पर वेबिनार आयोजित किया।

आरजेएस पीबीएच के आगामी कार्यक्रम क्रमशः 27 और 29 अक्टूबर को खिलौना सुरक्षा और शिक्षा पर होंगे।

नई दिल्ली:
राम जानकी संस्थान पॉजिटिव ब्रॉडकास्टिंग हाउस आरजेएस पीबीएच ने मुनि इंटरनेशनल स्कूल, मोहन गार्डन उत्तम नगर नई दिल्ली के सहयोग से 20 अक्टूबर 2024 को विश्व ट्रॉमा दिवस और स्ट्रोक दिवस पर एक राष्ट्रीय वेबिनार का सफलतापूर्वक आयोजन किया।

सह-आयोजक डॉ. अशोक कुमार ठाकुर ने मुख्य अतिथि डॉ. पद्मा श्रीवास्तव, चेयरपर्सन पारस हेल्थ गुरुग्राम और डॉ. सुषमा सागर, प्रोफेसर और प्रभारी ट्रॉमा सेंटर एम्स, नई दिल्ली का स्वागत किया। उन्होंने अपने छात्रों के साथ ट्रॉमा सेंटर, एम्स में पिछले दौरे पर जोर दिया, जहां का माहौल छात्रों को सिखाता है।  इस बैठक में राष्ट्रीय संयोजक आरजेएस पीबीएच उदय कुमार मन्ना ने आजाद हिंद फौज के स्थापना दिवस के अवसर पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने करवा चौथ और धनवंतरी जयंती के बारे में भी बताया। बैठक में भारत में मानसिक स्वास्थ्य, सुरक्षा और बीमा के महत्व पर जोर दिया गया, जिसमें स्ट्रोक की रोकथाम और उपचार और बेहतर नींद की स्वच्छता की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित किया गया। टीम ने स्ट्रोक और दिल के दौरे के लिए तत्काल चिकित्सा सहायता की पहचान करने और उनकी परियोजना के लिए अधिक व्यापक और विस्तृत दृष्टिकोण की आवश्यकता पर भी चर्चा की। अंत में, बैठक में किडनी और लीवर की बीमारियों, सड़क सुरक्षा और आपातकालीन देखभाल के महत्व और चिकित्सा व्यय को कवर करने में बीमा की भूमिका पर चर्चा की गई। अगले कदम डॉ. पद्मा श्रीवास्तव रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन और वरिष्ठ नागरिक समूहों के माध्यम से स्ट्रोक की रोकथाम और पहचान पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करेंगी। डॉ. सुषमा सागर स्कूलों, कॉलेजों और सुरक्षा कर्मियों के लिए बुनियादी जीवन समर्थन और आपातकालीन प्रतिक्रिया पर प्रशिक्षण सत्र आयोजित करना जारी रखेंगी। तकनीकी टीम आपातकालीन प्रतिक्रिया और एम्बुलेंस सेवाओं के लिए एक उपयोगकर्ता के अनुकूल मोबाइल ऐप विकसित करेगी।  • आरजेएस सलाहकार प्रोफेसर बिजोन कुमार मिश्रा, आयुष मंत्रालय, भारत सरकार की बीमा समिति के अध्यक्ष, अनिवार्य वाहन बीमा और स्वास्थ्य बीमा कवरेज के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देंगे।

• डॉ. पद्मा श्रीवास्तव नींद की स्वच्छता के महत्व और समग्र स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव पर शैक्षिक सामग्री तैयार करेंगी।

• उदय मन्ना "उच्च परीक्षाओं और जीवन में भूमिकाओं के लिए खुद को कैसे सक्षम बनाएं" विषय पर अगली बैठक आयोजित करेंगे।

• डॉ. अशोक ठाकुर ने मुनि इंटरनेशनल स्कूल को स्ट्रोक और आघात की रोकथाम पर छात्रों के लिए नियमित स्वास्थ्य जांच और जागरूकता कार्यक्रम लागू करने के लिए कहा।

सारांश
मानसिक स्वास्थ्य, सुरक्षा और बीमा
बैठक में भारत में मानसिक स्वास्थ्य, सुरक्षा और बीमा के महत्व पर ध्यान केंद्रित किया गया। डॉ. पद्मा और डॉ. सुषमा ने बढ़ते तनाव के स्तर और बेहतर नींद स्वच्छता की आवश्यकता पर चर्चा की। उन्होंने बीमा, विशेष रूप से तीसरे पक्ष के बीमा के महत्व पर भी प्रकाश डाला, जो अनिवार्य है लेकिन भारत में इसका पूरी तरह से उपयोग नहीं किया जाता है। डॉ. सुषमा ने सुरक्षा उपायों की आवश्यकता और आपात स्थिति में मदद के लिए कॉल करने के महत्व पर जोर दिया।  प्रो. बेजोन कुमार मिश्रा ने प्रस्तुतियों की प्रशंसा की और नागरिकों को पुलिस से न डरने के लिए प्रोत्साहित किया, तथा उनसे आपात स्थिति में मदद के लिए फोन करने का आग्रह किया। उन्होंने बीमा और स्वास्थ्य सेवा की सुलभता के बारे में जागरूकता की आवश्यकता पर भी बल दिया।
स्ट्रोक की रोकथाम और उपचार पर चर्चा
पद्मा ने स्ट्रोक की रोकथाम और उपचार के महत्व पर चर्चा की, जिसमें आनुवंशिक प्रवृत्ति, आयु, रक्तचाप, मधुमेह, कोलेस्ट्रॉल, जीवनशैली, मोटापा, शारीरिक गतिविधि की कमी, शराब और तनाव के स्तर जैसे जोखिम कारकों की भूमिका पर जोर दिया गया। उन्होंने रोकथाम के लिए एक समग्र दृष्टिकोण की आवश्यकता पर प्रकाश डाला, जिसमें अच्छा भोजन, नींद, शारीरिक गतिविधि और तनाव प्रबंधन शामिल है। आरजेएस पीबीएच ऑब्जर्वर दीप माथुर, पूर्व निदेशक एमसीडी ने स्व-जनित स्ट्रोक और उन्हें कैसे रोका जाए, विशेष रूप से बुजुर्ग व्यक्तियों के बारे में पूछा। पद्मा ने जवाब दिया कि स्ट्रोक बाहरी और आंतरिक दोनों तरह से उत्पन्न हो सकते हैं, और रोकथाम में उपर्युक्त जोखिम कारकों को संबोधित करना शामिल है। उदय ने फिर सवालों के लिए मंच खोला।
 स्ट्रोक के लक्षणों और प्रभावों को समझना
डॉ. पद्मा स्ट्रोक के लक्षणों और संकेतों को "बी फास्ट" का उपयोग करके समझाती हैं - बी का अर्थ है संतुलन खोना, ई का अर्थ है आंख या दृष्टि संबंधी समस्याएं, एफ का अर्थ है चेहरे का लटकना, ए का अर्थ है हाथ की कमजोरी, एस का अर्थ है बोलने में कठिनाई, और टी का अर्थ है आपातकालीन सेवाओं को तुरंत कॉल करने का समय। वह इस बात पर जोर देती हैं कि स्ट्रोक एक "दिमागी हमला" है, जहां उपचार पाने में हर मिनट मायने रखता है। समूह स्मृति, चेतना और गतिशीलता जैसे कार्यों पर स्ट्रोक के गंभीर प्रभावों पर चर्चा करता है। डॉ. सुषमा इस बात पर प्रकाश डालती हैं कि दुर्घटनाएं व्यक्ति के सबसे अधिक उत्पादक वर्षों के दौरान जीवन को बदल देने वाली चोटों का कारण बन सकती हैं, जिसके लिए मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों से सहायता की आवश्यकता होती है।
डॉ. पद्मा ने स्ट्रोक और दिल के दौरे को पहचानने और तुरंत उपचार लेने के महत्व पर चर्चा की। उन्होंने प्राथमिक और व्यापक स्ट्रोक केंद्रों के लिए मान्यता के विभिन्न स्तरों के साथ, स्ट्रोक-तैयार केंद्रों के रूप में अस्पतालों की मान्यता की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने स्ट्रोक के लक्षणों को पहचानने और तत्काल चिकित्सा सहायता लेने के महत्व पर भी प्रकाश डाला। स्वीटी ने स्ट्रोक के लक्षणों को पहचानने के महत्व के बारे में एक प्रश्न पूछा, जिसका उत्तर डॉ. पद्मा ने तत्काल चिकित्सा सहायता की आवश्यकता पर जोर देकर दिया। इशाक खान ने भी चर्चा में योगदान दिया, मस्तिष्क में रुकावटों के कारणों के बारे में पूछा।
प्रोजेक्ट संरचना और संचार में सुधार
टीम ने ग्राहक की जरूरतों और दर्द बिंदुओं को समझने के महत्व पर ध्यान केंद्रित करते हुए, अपनी परियोजना के लिए अधिक व्यापक और विस्तृत दृष्टिकोण की आवश्यकता पर चर्चा की। वे प्रत्येक टीम के सदस्य को सौंपी गई स्पष्ट भूमिकाओं और जिम्मेदारियों के साथ अधिक संरचित और संगठित प्रक्रिया की आवश्यकता पर सहमत हुए। टीम ने परियोजना की सफलता सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी संचार और सहयोग के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने इन पहलुओं पर काम करने और प्रगति की समीक्षा करने के लिए फिर से मिलने की प्रतिबद्धता के साथ बातचीत समाप्त की।  स्वस्थ जीवनशैली और रोग निवारण
डॉ. पद्मा स्वस्थ जीवनशैली के महत्व पर जोर देती हैं, जिसमें अच्छा भोजन, शारीरिक गतिविधि और योग और ध्यान जैसे अभ्यासों के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य शामिल है। वह सप्लीमेंट्स पर बहुत अधिक निर्भर न होने की सलाह देती हैं और इसके बजाय ग्रीन टी और हल्दी जैसे प्राकृतिक उपचारों की वकालत करती हैं। सुषमा हृदय रोग, स्ट्रोक और मधुमेह के जोखिमों पर प्रकाश डालती हैं और जैविक सप्लीमेंट्स का सुझाव देती हैं। पद्मा का तर्क है कि सप्लीमेंट्स मददगार हो सकते हैं, लेकिन कम उम्र से ही स्वस्थ आदतें विकसित करना, जैसे कि सब्जियाँ और फल खाना, बहुत ज़रूरी है। वह समग्र स्वास्थ्य और रोग निवारण के लिए पर्याप्त नींद के महत्व पर भी जोर देती हैं।
बीमा, स्वास्थ्य और नागरिक सेवाएँ
बैठक में बीमा, स्वास्थ्य और नागरिक सेवाओं सहित विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई। अधिवक्ता सुदीप साहू ने सभी प्रकार के पीड़ितों के लिए सामान्य बीमा की माँग की।
प्रो. बेजोन कुमार मिश्रा ने किए जा रहे कार्यों की सराहना की और सेवा केंद्रों में प्रौद्योगिकी की आवश्यकता पर जोर दिया। उदय ने बीमा समिति और वरिष्ठ नागरिकों के बीमा का उल्लेख किया। कुशवाहा ने बीमा से संबंधित कंसोल के बारे में सवाल उठाया।
 स्वीटी पॉल, सत्येंद्र त्यागी और इशाक खान और सुषमा सिंह ने भी ब्रेन स्ट्रोक पर सवाल उठाए। डॉ. पद्मा ने जन जागरूकता कार्यक्रमों, शारीरिक गतिविधि और मानसिक स्वास्थ्य, खासकर वरिष्ठ नागरिकों के लिए, के महत्व पर चर्चा की। उन्होंने डिमेंशिया जैसी समस्याओं को रोकने के लिए समूह गतिविधियों और प्रेरणा की आवश्यकता का भी उल्लेख किया। बातचीत का समापन इन प्रयासों को राज्य, देश और वैश्विक स्तर सहित बड़े पैमाने पर लागू करने पर ध्यान केंद्रित करने के साथ हुआ।
किडनी, लीवर, सड़क सुरक्षा और नींद
बैठक में किडनी और लीवर की बीमारियों, सड़क सुरक्षा और आपातकालीन देखभाल के महत्व पर चर्चा की गई। प्रतिभागियों ने नागरिकों को इन मुद्दों के बारे में जागरूक होने और तुरंत चिकित्सा सहायता लेने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने चिकित्सा व्यय को कवर करने में बीमा की भूमिका पर भी चर्चा की, खासकर आपातकालीन स्थितियों में। आपातकालीन देखभाल पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर प्रकाश डाला गया और इस बात पर जोर दिया गया कि अस्पताल ऐसे मामलों में देखभाल से इनकार नहीं कर सकते। बैठक में नींद की स्वच्छता के महत्व और खराब नींद से उत्पन्न होने वाले संभावित मुद्दों पर भी चर्चा की गई। प्रतिभागियों ने इन मुद्दों को संबोधित करने के लिए आगे जागरूकता अभियान और प्रशिक्षण कार्यक्रमों की आवश्यकता पर सहमति व्यक्त की।

आकांक्षा 
हेड क्रिएटिव टीम 
आरजेएस पीबीएच 
8368626368




Press Release 20/10/2024.

 RJS PBH in association with Muni School organised Webinar on "How To Prevent Trauma & Stroke?" .

RJS PBH Forthcoming Programs will be on Toy Safety & Education on 27th & 29th October respectively.

New Delhi:
Ram Janaki Sansthan Positive Broadcasting House RJS PBH in association with Muni International School, Mohan Garden Uttam Nagar New Delhi organised successfully a national Webinar on World Trauma Day and Stroke Day on 20th oct.2024. 
Co-orgnizer Dr.Ashok Kumar Thakur welcomed chief guest Dr. Padma Shrivastava, chairperson Paras Health Gurugram and  
Dr.Sushma Sagar , Professor & Incharge Trauma Centre AIIMS, New Delhi. He emphasized previous visit at Trauma centre,AIIMS  with their students where that environment teaches students. In this meeting  National Convener RJS PBH Uday Kumar Manna  paid tribute to Netaji Subhash Chandra Bose on the occasion of Foundation Day of Azad Hind Fauz. 
 He also spoke about Karwa Chauth & Dhanwantari Jayanti.

The meeting emphasized the importance of mental health, safety, and insurance in India, with a focus on stroke prevention and treatment, and the need for better sleep hygiene. The team also discussed the importance of recognizing and seeking immediate medical attention for strokes and heart attacks, and the need for a more comprehensive and detailed approach to their project. Lastly, the meeting touched on the significance of kidney and liver diseases, road safety, and emergency care, and the role of insurance in covering medical expenses.
Next steps
• Dr. Padma Shrivastava to organize awareness programs on stroke prevention and recognition through Resident Welfare Associations and senior citizen groups.
• Dr. Sushma Sagar to continue conducting training sessions on basic life support and emergency response for schools, colleges, and security personnel.
• Technical team to develop a user-friendly mobile app for emergency response and ambulance services.
• RJS advisor Professor Bijon Kumar Mishra Chairperson insurance committe Ayush Mantralaya, Govt.of India to promote awareness about mandatory vehicle insurance and health insurance coverage.
• Dr. Padma Shrivastava to create educational materials on the importance of sleep hygiene and its impact on overall health.
• Uday Manna to organize the next meeting on "How to make yourself capable for higher exams and roles in life" .as speakers.
• Dr.Ashok thakur said Muni International School to implement regular health check-ups and awareness programs for students on stroke and trauma prevention.
Summary
Mental Health, Safety, and Insurance
The meeting focused on the importance of mental health, safety, and insurance in India. Dr. Padma and Dr. Sushma discussed the increasing stress levels and the need for better sleep hygiene. They also highlighted the importance of insurance, particularly third-party insurance, which is mandatory but not fully utilized in India. Dr. Soumen emphasized the need for safety measures and the importance of calling for help in emergencies. Prof. Bejon Kumar Misra praised the presentations and encouraged citizens to not fear the police, urging them to call for help in emergencies. He also stressed the need for awareness about insurance and healthcare accessibility.
Stroke Prevention and Treatment Discussion
Padma discussed the importance of stroke prevention and treatment, emphasizing the role of risk factors such as genetic predisposition, age, blood pressure, diabetes, cholesterol, lifestyle, obesity, lack of physical activity, alcohol, and stress levels. She highlighted the need for a holistic approach to prevention, including good food, sleep, physical activity, and stress management. RJS PBH Observer Deep Mathur former Director MCD asked about self-generated strokes and how to prevent them, particularly in elderly individuals. Padma responded by explaining that strokes can be both externally and internally generated, and that prevention involves addressing the aforementioned risk factors. Uday then opened the floor for questions.
Understanding Stroke Symptoms and Impact
Dr.Padma explains the signs and symptoms of a stroke, using the mnemonic "BE FAST" - B for balance loss, E for eye or vision problems, F for facial drooping, A for arm weakness, S for speech difficulties, and T for time to call emergency services immediately. She emphasizes that a stroke is a "brain attack" where every minute counts in getting treatment. The group discusses the serious impacts a stroke can have on functions like memory, consciousness, and mobility. Dr. Sushma highlights that accidents can lead to life-altering injuries during one's most productive years, requiring support from mental health professionals.
Stroke Recognition and Treatment Importance
Padma discussed the importance of recognizing and immediately seeking treatment for strokes and heart attacks. She emphasized the need for accreditation of hospitals as stroke-ready centers, with different levels of accreditation for primary and comprehensive stroke centers. She also highlighted the importance of recognizing the symptoms of a stroke and seeking immediate medical attention. Sweety asked a question about the importance of recognizing the symptoms of a stroke, to which Dr. Padma responded by emphasizing the need for immediate medical attention. Ishaq also contributed to the discussion, asking about the causes of blockages in the brain.
Improving Project Structure and Communication
The team discussed the need for a more comprehensive and detailed approach to their project, with a focus on the importance of understanding the customer's needs and pain points. They agreed on the necessity of a more structured and organized process, with clear roles and responsibilities assigned to each team member. The team also emphasized the importance of effective communication and collaboration to ensure the project's success. They ended the conversation with a commitment to work on these aspects and reconvene to review progress.
Healthy Lifestyle and Disease Prevention
Dr. Padma emphasizes the importance of a healthy lifestyle, including good food, physical activity, and mental well-being through practices like yoga and meditation. She advises against relying too much on supplements and instead advocates for natural remedies like green tea and turmeric. Sushma highlights the risks of heart disease, stroke, and diabetes, and suggests organic supplements. Padma argues that while supplements can be helpful, developing healthy habits from an early age, such as eating vegetables and fruits, is crucial. She also stresses the significance of adequate sleep for overall health and disease prevention.
Insurance, Health, and Citizen Services
The meeting involved discussions about various topics, including insurance, health, and citizen services. Advocate Sudeep Sahu demanded General Insurance to all type of victims.
Prof. Bejon Kumar Misra expressed his appreciation for the work being done and emphasized the need for technology in service centres. Uday mentioned the insurance committee and senior citizens' insurance. Kushwaha raised a question about a console related to insurance.
Sweety Paul, Satyendra Tyagi and Ishaq Khan also raised questions on brain Stroke. Dr. Padma discussed the importance of public awareness programs, physical activity, and mental health, particularly for senior citizens. She also mentioned the need for group activities and motivation to prevent problems like dementia. The conversation ended with a focus on translating these efforts to a larger scale, including the state, country, and global levels.
Kidney, Liver, Road Safety, and Sleep
The meeting focused on discussing the importance of kidney and liver diseases, road safety, and emergency care. The participants emphasized the need for citizens to be aware of these issues and to seek medical attention promptly. They also discussed the role of insurance in covering medical expenses, particularly in emergency situations. The Supreme Court's directive on emergency care was highlighted, and it was stressed that hospitals cannot deny care in such cases. The meeting also touched on the importance of sleep hygiene and the potential issues that can arise from poor sleep. The participants agreed on the need for further awareness campaigns and training programs to address these issues.

Akanksha 
Head creative Team
RJS PBH 
8368626368.








 प्रेस विज्ञप्ति 15/10/2024

विश्व मानक दिवस पर आरजेएस पीबीएच कार्यक्रम माता रामरती देवी मंदिर के सहयोग से संपन्न 

नई दिल्ली। राम जानकी संस्थान पॉजिटिव ब्रॉडकास्टिंग हाउस (आरजेएस पीबीएच) और आरजेएस पॉजिटिव मीडिया द्वारा माता राम रती देवी मंदिर कृषक प्रयोगशाला और कृषक पर्यटन स्थल के संस्थापक राजेन्द्र सिंह कुशवाहा के सहयोग से संस्थापक व राष्ट्रीय संयोजक उदय मन्ना के संयोजन व संचालन में 
विश्व मानक दिवस 2024 का आयोजन किया गया।
इस साल 2024 की थीम "बेहतर दुनिया के लिए साझा दृष्टिकोण पर केंद्रित है, जिसमें प्रभावी मानकों के ज़रिए स्वास्थ्य और कल्याण के मुद्दों को संबोधित किया गया।"
कार्यक्रम के आरंभ में विश्व मानक दिवस 2024 पर 
केंद्रीय मंत्री उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण और  नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा प्रह्लाद जोशी की विडियो के संपादित अंश सुनवाए गए।
 उन्होंने कहा कि 
आज 22,300 से अधिक मानक लागू हैं और 94 प्रतिशत भारतीय मानकों को आईएसओ और आईएसई मानकों के साथ सुसंगत बनाया जा रहा है। 
कार्यक्रम के सह-आयोजक राजेन्द्र सिंह कुशवाहा ने सभी अतिथियों प्रो.बिजाॅन कुमार मिश्रा, अंतर्राष्ट्रीय कंज्यूमर नीति विशेषज्ञ,डा.प्रसन्ना कुमार, प्राध्यापक (निफ्टेम)व कृषि एवं पर्यावरण विज्ञान विभाग, खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय, भारत सरकार,डा.आर के‌ भारती, संयुक्त निदेशक एमएसएमई डीएफओ, एमएसएमई मंत्रालय, भारत सरकार और रजनीश गोयनका चेयरमैन एमएसएमई डेवलपमेंट फोरम का स्वागत किया।
वेबिनार में व्यापार, आर्थिक विकास और उत्पाद विश्वसनीयता में मानकों के महत्व पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिसमें भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) की भूमिका और बीआईएस अधिनियम, 2016 के कार्यान्वयन पर चर्चा की गई। विनिर्माण में गुणवत्ता मानकों के महत्व और वैश्विक स्तर पर उच्च गुणवत्ता वाली दवाओं की आपूर्ति करने के लिए भारतीय लघु और मध्यम आकार के उद्यमों (एसएमई) की क्षमता पर भी जोर दिया गया। अंत में, बैठक में निफ्टम में खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमिता कार्यक्रम, आलू उत्पादों में मूल्य संवर्धन की संभावना और छोटे और सूक्ष्म व्यवसायों को बढ़ावा देने के लिए सरकारी वित्तपोषण की आवश्यकता पर भी चर्चा की गई।
 निफ्टम में खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमिता कार्यक्रम पर चर्चा हुई, जिसमें बी.टेक, एम.टेक, पीएचडी और एमबीए प्रशिक्षण, इनक्यूबेशन और उद्यमिता शामिल है। कार्यक्रम के सतत विकास पर ध्यान केंद्रित करने पर प्रकाश डाला, विशेष रूप से लक्ष्य 9, जिसका उद्देश्य लचीला बुनियादी ढांचा बनाना और समावेशी और टिकाऊ औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देना है।


 आकांक्षा 
हेड क्रिएटिव टीम 
आरजेएस पीबीएच
8368626368


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RJS-PBH

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